Thursday, 24 September 2015

देश सेवा का विचार

आज बहुत काम है. कल भी काम था, सिर की साथ था. काम चल रहा है. काम भी हो रहा है. ये प्रोग्राम पूरा हो जाए तो मुझे खुशी होगी. काफ़ी समय हो गया. चार साल से एक ही चीज़ टेयै कर रहा हू. सिर के साथ बोर सा होने लगा हू. मगर अभी खुशी खुशी काम फिनिश करना है. सिर्फ़ प्रोग्राम पूरा करने के लिये.आब जाना है. जल्दी जल्दी जाना है. लगता है!, मेरी जिंदगी का मकसद  अलग है.
आज लगा देश की सेवा करनी है. देश के लिए कुछ करना है. विचारो मे देश की सेवा का भाव, फीली बार देखा. अछा लगा!,फ्रीडम फाइट मे, मिट ने का मोका हमको नही मिला. पर किया! अभी भी देश मे जान देने का होसला है.
देश की सेवा हे जीवन का मकसद है.

No comments:

Post a Comment